Mahatma gandhi biography in hindi pdf
Biography of Mahatma Gandhi PDF
Biography time off Mahatma Gandhi
महात्मा गांधी, जिनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता और अहिंसा के पुजारी थे। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था।
गांधीजी की शिक्षा पहले पोरबंदर और राजकोट में हुई, और फिर वे कानून की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड गए। इंग्लैंड से कानून की डिग्री प्राप्त करने के बाद, उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में वकालत शुरू की, जहाँ उन्होंने नस्लीय भेदभाव के खिलाफ संघर्ष किया। इस समय के दौरान, गांधीजी ने ‘सत्याग्रह’ और ‘अहिंसा’ के सिद्धांतों का विकास किया, जो बाद में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का आधार बने।
भारत लौटने पर
1915 में भारत लौटने के बाद, गांधीजी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को संगठित किया। उन्होंने असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे महत्वपूर्ण आंदोलनों का नेतृत्व किया। उनके नेतृत्व में भारतीय जनता ने ब्रिटिश राज के खिलाफ व्यापक संघर्ष किया और स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए।
गांधीजी ने समाज सुधार की दिशा में भी कई कदम उठाए। उन्होंने अस्पृश्यता के खिलाफ अभियान चलाया, हिन्दू-मुस्लिम एकता को बढ़ावा दिया और ‘हरिजन’ आंदोलन की शुरुआत की।
महत्वपूर्ण आंदोलन और संघर्ष
- चंपारण आंदोलन (1917): गांधीजी ने चंपारण में किसानों के खिलाफ ब्रिटिश जमींदारी व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष किया।
- खिलाफत आंदोलन (1919): गांधीजी ने मुस्लिम समुदाय के साथ मिलकर खिलाफत आंदोलन चलाया, जो एक महत्वपूर्ण सांप्रदायिक एकता का प्रतीक था।
- सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930): गांधीजी ने नमक कानून के खिलाफ सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू किया और दांडी मार्च किया।
- भारत छोड़ो आंदोलन (1942): द्वितीय विश्व युद्ध के समय, गांधीजी ने ब्रिटिश शासन को भारत से बाहर करने के लिए भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की।
व्यक्तिगत जीवन और मूल्य
महात्मा गांधी का निजी जीवन साधारण और अनुशासित था। उन्होंने सत्य और अहिंसा को अपने जीवन का मूलमंत्र माना। गांधीजी ने हमेशा सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी और अपने आचरण से समाज में एक नई दिशा दिखाई।
निधन और धरोहर
महात्मा गांधी का निधन 30 जनवरी 1948 को हुआ, जब नाथूराम गोडसे ने उन्हें गोली मार दी। उनकी मृत्यु भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए एक बड़ा सदमा था, लेकिन उनकी शिक्षाएँ और मूल्य आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं।
गांधीजी की अहिंसा, सत्य, और सामाजिक न्याय के सिद्धांत आज भी विश्वभर में सम्मानित हैं और उनकी विचारधारा ने कई आंदोलनों को प्रभावित किया है। वे ‘राष्ट्रपिता’ के रूप में स्नेहपूर्वक पूजे जाते हैं और उनकी शिक्षाएँ आज भी हमारे समाज के लिए मार्गदर्शक हैं।